Bajrang Punia Biography in Hindi | बजरंग पूनिया की जीवनी

बजरंग पूनिया की जीवनी | बजरंग पूनिया जीवनी

बजरंग पूनिया का जन्म 26 फरवरी 1994 को हरियाणा राज्य के झज्जर जिले के खुदान गांव में हुआ था। उनके पिता एक पहलवान थे इसलिए उन्होंने पूनिया को कुश्ती में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। पूनिया ने सात साल की उम्र से ही कुश्ती लड़ना शुरू कर दिया था। उन्होंने कुश्ती अभ्यास के लिए अपने स्कूल को भी छोड़ना शुरू कर दिया था। उनका परिवार 2015 में सोनीपत चला गया, ताकि वे भारतीय खेल प्राधिकरण के एक क्षेत्रीय केंद्र में भाग ले सकें।

बजरंग को कुश्ती विरासत में मिली. इनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी. बजरंग के सपने पूरे करने के लिए इनके पिताजी ने बहुत से त्याग किए. वे बस का किराया बचाकर साइकिल से अपना काम पूरा करते थे. बजरंग की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही पूरी हुई. सात साल की उम्र में कुश्ती शुरू की और उन्हें उनके पिता द्वारा बहुत सहयोग मिला.जिसके बाद बजरंग ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. बजरंग पूनिया ने भारतीय रेलवे में टिकट चेकर (TTE) का भी काम किया.

भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने एशियन गेम 2018 में पुरुषों की 65 किलोग्राम वर्ग स्पर्धा के फाइनल में जापान के पहलवान तकातानी डियाची को एकतरफा मुकाबले में 11-8 से शिकस्त दी. एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के 9वें पहलवान हो गए. बजरंग ने अपना यह गोल्ड मेडल पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया.

Bajrang Punia Father and Mother

पिता का नाम – बलवान सिंह पुनिया

माता का नाम – ओमप्यारी

Bajrang Punia Wife 

संगीता फोगट (पहेलवान)

नाम(Name) बजरंग पूनिया
जन्म तारीख (Date of Birth) 26 फ़रवरी 1994
जन्म स्थान (Birth Place) खुदान
खेल(Sport) फ्रीस्टाइल रेसलिंग(Freestyle wrestling)
कास्ट(Caste) जाट
अवार्ड (Awards) पुरूस्कार(Arjuna Award for Wrestling)
धर्मं (Religion) हिन्दू
नागरिकता (Nationality) भारतीय

 

Bajrang Punia Awards 

  • अर्जुन पुरस्कार (2015)
  • पद्म श्री पुरस्कार (2019)
  • राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार (2019)
  • फिक्की इंडिया स्पोर्ट्स अवार्ड (2020)

Bajrang Punia Career

साल 2013 में एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में बजरंग पुनिया ने पार्टिसिपेट किया था। यह चैंपियनशिप दिल्ली में हुई थी, इसमें बजरंग पुनिया सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल हुए थे, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल 2013 में ही वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप बुद्धा पेस्ट, हंगरी में बजरंग पुनिया ने 60 किलोग्राम वर्ग की कैटेगरी में अपने नाम कांस्य पदक हासिल किया था। इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 2014 में राष्ट्रमंडल खेल, ग्लास्गो जो कि स्कॉटलैंड में आयोजित हुआ था,वहां पर 61 किलोग्राम वर्ग की कैटेगरी में बजरंग पुनिया ने गोल्ड मेडल हासिल किया था।

साल वर्ष दक्षिण कोरिया में आयोजित हुए एशियाई खेल में बजरंग पुनिया ने फिर से अपने नाम गोल्ड मेडल प्राप्त किया था, वहीं साल 2017 में दिल्ली में आयोजित हुए एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में बजरंग पूनिया ने एक बार फिर से गोल्ड मेडल पर हाथ साफ किया था। इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 2018 में राष्ट्रमंडल खेल में फिर से बजरंग पुनिया ने गोल्ड मेडल जीता। और इसी वर्ष 2021 में ही बजरंग पुनिया ने एक बार फिर से एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। इस प्रकार पहलवान बजरंग पूनिया ने अभी तक 3 ब्रॉन्ज मेडल, 4 सिल्वर मेडल और 5 गोल्ड मेडल अलग-अलग गेम्स में जीते हैं।

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