हर साल बडे जश्न के साथ मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी का त्यौहार फिर से दस्तक देने को है। गणेश चतुर्थी इस साल 10 सितंबर को है और गणेश चतुर्थी हिंदूओं का दस दिन तक चलने वाला त्यौहार होता है जिसमें वो अपने देवता गणेश के जन्म तौर पर मनाते हैं। गणेश शंकर और पार्वती के बेटे हैं। जिन्हें 108 नामों से जाना जाता है। सभी देवताओं में सबसे पहले गणेश की ही पूजा की जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं आखिर क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी।
गणेश चतुर्थी कब है 2021?
गणेश चतुर्थी इस साल 10 सितंबर को है और गणेश चतुर्थी हिंदूओं का दस दिन तक चलने वाला त्यौहार होता है
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है? (Ganesh Chaturthi kyu Manaayi Jaati Hai in Hindi)
श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इसीलिए हर साल इस दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है। भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह मान्यता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
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गणेश चतुर्थी की कहानी (Ganesh Chaturthi Ki Story in Hindi)
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गणेश के जन्म से जुड़ी कई कहानियां हैं। तो आइए जाने ऐसी ही दो कहानियों के बारे में । कहते हैं कि देवी पार्वती ने अपने शरीर से उतारी गई मैल से बनाया था। जब वो नहाने गई तो गणेश को अपनी रक्षा के लिए बाहर बिठा दिया। शिव भगवान जो पार्वती के पति हैं जब घर लौटे तो अपने पिता से अनजान गणेश ने उन्हें रोकने की कोशिश की जिससे शिव को क्रोध आ गया और उन्होने गणेश का सिर काट दिया।
जब देवी पार्वती को इस सब के बारे में पता चला तो वो शिव जी से रूष्ट हो गई जिस पर शिव ने उन्हें गणेश का जीवन वापस लाने का वादा कर उस पर हाथी का सिर लगा दिया और इस तरह फिर से गणेश का जीवनदान मिला। लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि देवताओं के अनुरोध करने पर शिव और पार्वती ने गणेश को बनाया था जिससे वो राक्षसों का वध कर सकें और यही कारण है कि उन्हें विघनकर्ता भी कहा जाता है।
गणेश चतुर्थी की पूजन विधि
Ganesh Chaturthi Puja Samagri : गणपति बप्पा की स्थापना से पहले पूजा की सारी सामग्री एकत्रित कर लें। पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, गणेश प्रतिमा, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली, अक्षत, कलावा, जनेऊ, गंगाजल, इलाइची-लौंग, सुपारी, चांदी का वर्क, नारियल, सुपारी, पंचमेवा, घी-कपूर की व्यवस्था कर लें। लेकिन ध्यान रखें कि श्रीगेश को तुलसी दल व तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। इसके स्थान पर गणपति बप्पा को शुद्ध स्थान से चुनी हुई दूर्वा जिसे कि अच्छे तरीके से धो लिया हो, अर्पित करें।
गणेश जी की मूर्ति स्थापना कैसे करते है ?
ऐसे करनी चाहिए गणपति की स्थापना
इसके बाद सही दिशा का चुनाव करके वहां पर चौकी स्थापित कर दें। इसके बाद गणेशजी को पंचामृत और फिर गंगाजल से स्नान कराएं। फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करें। रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी रख दें। इसके बाद गणेशजी को सिंदूर लगाकर चांदी का वर्क लगाएं। फिर जनेऊ, लाल पुष्प, दूर्वा, मोदक और नारियल सहित अन्य सामग्री अर्पित करें।
गणेश उत्सव 10 दिनों तक क्यों मनाते है ? (Why Celebrate Ganesh Festival for 10 Days in Hindi)
गणेश जी की पूजा 10 दिनों तक क्यों की जाती है : धार्मिक ग्रंथो के अनुशार जब वेदव्यास जी ने महाभारत की कथा भगवन गणेश जी को दश दिनों तक सुनाई थी तब उन्होंने अपने नेत्र बंद कर लिए थे और जब दस दिन बाद आँखे खोली तो पाया की भगवान् गणेश जी का तापमान बहुत अधिक हो गया था।
फिर उसी समय वेदव्यास जी निकट स्थित कुंड में स्नान करवाया था, जिससे उनके शरीर का तापमान कम हुआ इसलिए गणपति स्थापना के अगले दस दिन तक गणेश जी की पूजा की जाती है और फिर ग्यारहवे भगवान् गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है।
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गणेश उत्सव कब से मनाया जाता है?
यह उत्सव वैसे तो कई वर्षो से मनाया जा रहा है लेकिन सन 1893 से पूर्व यह केवल घरो तक ही सीमित था उस समय सामूहिक उत्सव नहीं मनाया जाता था और न ही बड़े पैमानों पर पंडालों में इस तरह मनाया जाता था।
सन 1893 में बाल गंगा धर तिलक ने अंग्रजो के विरुद्ध एक जुट करने के लिए एक पैमाने पर इस उत्सव का आयोजन किया जिसमे बड़े पैमाने पर लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और इस प्रकार पूरे राष्ट्र में गणेश चतुर्थी मनाया जाने लगा।
बालगंगाधर तिलक ने यह आयोजन महाराष्ट्र में किया था इसलिए यह पर्व पूरे महाराष्ट्र में बढ़ चढ़ कर मनाया जाने लगा। तिलक उस समय स्वराज्य के लिए संघर्ष कर रहे थे और उन्हें एक ऐसा मंच चाहिए था जिसमे माध्यम से उनकी आवाज अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचे और तब उन्होंने गणपति उत्सव का चयन किया और इसे एक भव्य रूप दिया जिसकी छवि आज तक पूरे महाराष्ट्र में देखने को मिलता है।
गणेश चतुर्थी के दिन क्या उपाय करना चाहिए?
भगवान गणेश को गेंदे के फूल चढ़ाने से घर का कलेश खत्म होता है.
भगवान गणेश को चौकोर चांदी का टुकड़ा चढ़ाया जाए तो घर में चल रहा संपत्ति को लेकर विवाह खत्म हो जाता है. और गणेश जी को 5 इलायची और 5 लौंग चढ़ाए जाने से जीवन में प्रेम बना रहता है
FAQs:
गणेश उत्सव की शुरुआत कब हुई?
गणपति उत्सव की शुरुआत 1893 में महाराष्ट्र से लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की
गणेश जी कितने दिन बैठते हैं?
गणेश पूजा में क्या क्या लगता है?
घर में गणेश जी की कितनी मूर्तियां होनी चाहिए?
गणेश चतुर्थी पर व्रत खोलने के लिए पहले बप्पा के प्रसाद का ही प्रयोग करें.
व्रत खोलने के समय आप उबले हुए आलू में काली मिर्च और व्रत का नमक डालकर खा सकते हैं.
कुट्टु के आंटे की रोटी या परांठा बनाकर खा सकते हैं.