Holi Essay in Hindi-: होली हिंदुओं के एक प्रमुख त्योहारों के रूप में मनाया जाता है। इसे ना केवल हिंदू बल्कि सभी समुदाय के लोग बड़ी उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे के गले मिलकर रंग-गुलाल एक दूसरे के ऊपर लगाते हैं। होली हर साल फाल्गुन मार्च के महीने में मनाया जाता है। यदि आप होली पर निबंध लिखना या पढ़ना चाहते हैं, तो यहां आप होली पर निबंध पढ़ सकते है।
होली पर निबंध | होली पर निबंध 300 शब्दों में
होली हर साल फाल्गुन (मार्च) के महीने में महीने में विभिन्न प्रकार के रगों के साथ मनाई जाती है। सभी घरों में तरह तरह के पकवान बनाये जाते हैं। होली हिंदुओं के एक प्रमुख त्योहार के रूम में जाना जाता है। होली सिर्फ हिन्दुओं ही नहीं बल्कि सभी समुदाय के लोगों द्वारा उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली का त्योहार लोग आपस में मिलकर, गले लगकर और एक दूसरे को रंग लगाकर मनाते हैं। इस दौरान धार्मिक और फागुन गीत भी गाये जाते हैं। इस दिन पर हम लोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, आदि खाते हैं। रंग की होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।
होली का त्यौहार मनाने के पीछे एक प्राचीन इतिहास है। प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नाम के एक असुर हुआ करता था। उसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलिका था। हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानता था। हिरण्यकश्यप के एक पुत्र थे जिसका नाम प्रह्लाद था। वे भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु के विरोधी था। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु की भक्ति करने से बहुत रोका। लेकिन प्रह्लाद ने उनकी एक भी बात नहीं सुनी। इससे नाराज़ होकर हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को जान से मारने का प्रयास किया। इसके लिए हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान मिला हुआ था। उसके बाद होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में बैठ गई लेकिन जिस पर विष्णु की कृपा हो उसे क्या हो सकता है और प्रह्लाद आग में सुरक्षित बचे रहे जबकि होलिका उस आग में जल कर भस्म हो गई।
होली पर निबंध 20 लाइन हिंदी में
यह कहानी ये बताती है कि बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी सभी लोग लकड़ी, घास और गोबर के ढ़ेर को रात में जलाकर होलिका दहन करते हैं और उसके अगले दिन सब लोग एक दूसरे को गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालकर होली खेलते हैं। होली हर साल फाल्गुन महीने में मनाई जाती है। जैसे जैसे होली का त्योहार पास आता है हमारा उत्साह भी बढ़ता जाता है। होली सच्चे अर्थों में भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, जिसके रंग अनेकता में एकता को दर्शाते हैं। लोग एक दूसरे को प्रेम-स्नेह की गुलाल लगाते हैं , सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, लोकगीत गाये जाते हैं और एक दूसरे का मुँह मीठा करवाते हैं।
भारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। आज भी ब्रज की होली सारे देश के आकर्षण का बिंदु होती है। लठमार होली जो कि बरसाने की है वो भी काफ़ी प्रसिद्ध है। इसमें पुरुष महिलाओं पर रंग डालते हैं और महिलाएँ पुरुषों को लाठियों तथा कपड़े के बनाए गए कोड़ों से मारती हैं। इसी तरह मथुरा और वृंदावन में भी १५ दिनों तक होली का पर्व मनाते हैं। कुमाऊँ की गीत बैठकी होती है जिसमें शास्त्रीय संगीत की गोष्ठियाँ होती हैं। होली के कई दिनों पहले यह सब शुरू हो जाता है। हरियाणा की धुलंडी में भाभी द्वारा देवर को सताए जाने की प्रथा प्रचलित है। विभिन्न देशों में बसे हुए प्रवासियों तथा धार्मिक संस्थाओं जैसे इस्कॉन या वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में अलग अलग तरीके से होली के शृंगार व उत्सव मनाया जाता है। जिसमें अनेक समानताएँ भी और अनेक भिन्नताएँ हैं।
होली पर निबंध हिंदी में | होली पर निबंध 150 शब्द
होली हमारे देश में हर समुदाय के लोग बड़े-धूमधाम के साथ मनाते हैं। इस दिन सभी लोग अपने गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे को गले लगकर एक दूसरे के ऊपर रंग-गुलाल लगाते हैं। इस दिन शाम के वक्त लोग नए-नए कपड़े पहन कर एक दूसरे के घर जाते हैं। होली के दिन लोगअपने घर में में तरह-तरह के पकवान बनाते हैं। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व हर साल फाल्गुन मास महीने में मनाया जाता है। होली से एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाती है। इसके पीछे पौराणिक कथाएं भी कही जाती है।
इस दिन ही प्रह्लाद के पिता हिरणकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद से अपने पुत्र को मारने की कोशिश की थी। जिससे गुस्सा होकर भगवान विष्णु ने होलिका को आग में जला दिया था। होली हर क्षेत्र में अलग-अलग तरीके से मनाई जाती हैं। इस दिन लोग तरह-तरह के लोकगीत गाते है। मथुरा और वृंदावन की होली पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। आपको बता दे कि यहां 15 दिनों तक होली मनाई जाती है। होली के दिन लोग सवेरे-सवेरे उठकर भगवान की पूजा अर्चना कर प्रसाद चढ़ाते है। होली बच्चों के लिए बेहद खास पर्व होता है।
इस दिन बच्चे बाजार से तरह-तरह की पिचकारी खरीद कर होली का आनंद लेते है। होली के दिन गांव में हर जगह होली की टोली देखने को मिलती है। यदि आप इस साल होली मनाने की सोच रहे है, तो होली मनाने में सावधानी का पूरा ध्यान रखें।