देश की पहली महिला डॉक्टरों में से एक कादंबिनी गांगुली को उनके जन्मदिन पर याद करते हुए गूगल ने एक खास डूडल बनाया है. वे 1884 में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने वाली पहली महिला थीं.
कादंबिनी गांगुली जीवनी (Kadambini Ganguly Biography In Hindi )
नई दिल्लीः भारत की पहली महिला डॉक्टरों में से एक कादंबिनी गांगुली को उनके 160वें जन्मदिन पर याद किया है. गूगल ने उनके जीवन और कार्य का सम्मान करते हुए जन्मदिन पर डूडल बनाया है. गांगुली का जन्म 18 जुलाई, 1861 को हुआ था और वे 1884 में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने वाली पहली महिला थीं.19वीं सदी के स्टैंडर्ड के अनुसार यह एक असाधारण उपलब्धि थी क्योंकि उस समय मेडिकल कॉलेज एडमिशन लेने वालों में लगभग पुरुष ही होते थे.
कादंबिनी गांगुली कौन है? (Who is Kadambini Ganguly)
कादंबिनी गांगुली ने मुंबई की रहने वाली आनंदीबाई जोशी जैसी अन्य महिला डॉक्टरों के साथ महिलाओं के लिए भारत में एक सफल मेडिकल प्रैक्टिस का बीड़ा उठाया. संयोग से भारत में पहली महिला डॉक्टर कौन थी, इस सवाल को इस तथ्य से सुलझाया जा सकता है कि गांगुली और जोशी दोनों ने 1886 में मेडिसिन में अपनी डिग्री हासिल की थी. गांगुली ने कलकत्ता मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. वहीं, जोशी ने विमेन्स मेडिकल कॉलेज ऑफ पेंसिल्वेनिया, अमेरिका से अपनी डिग्री हासिल की. हालांकि, जोशी 1887 में 21 साल की उम्र में असामयिक मृत्यु होने से उनका करियर छोटा ही रहा था.
दक्षिण एशिया में यूरोपीय मेडिसिन में ट्रेंड होने वाली पहली महिला डॉक्टर
कादंबिनी गांगुली 1886 में दक्षिण एशिया में यूरोपीय मेडिसिन में ट्रेंड होने पहली महिला डॉक्टर बनीं. तीन साल बाद वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्र के मंच पर आने वाली पहली महिला थीं
गांगुली 1892 में यूनाइटेड किंगडम (यूके) गई और डबलिन, ग्लासगो और एडिनबर्ग से आगे ट्रेनिंग प्राप्त की. वहां से लौटने पर उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में अपना करियर शुरू किया. वे कोलकाता के लेडी डफरिन अस्पताल में काम करने लगी और वहां उन्होंने अंतिम दिनों तक अपनी प्रैक्टिस जारी रखी. 3 अक्टूबर, 1923 को उनका निधन हुआ.
कादंबिनी गांगुली ने ऐसे समय में महिलाओं की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया जब सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन पुरुषों का प्रभुत्व था. वे ब्रह्म समाज के प्रमुख नेता द्वारकानाथ गांगुली की दूसरी पत्नी थीं. द्वारकानाथ की पहली पत्नी की मौत शादी के कुछ साल बाद हो गई थी.