मार्गरेट अल्वा का जीवन परिचय (जीवनी, जाति, पति, बेटी, बेटा, शिक्षा, राष्ट्रपति, जन्म तारीख, परिवार, पेशा, धर्म, पार्टी, करियर, राजनीति, अवार्ड्स, इंटरव्यू), Vice President Election 2022, Margaret Alva (Caste, Age, Husband, Income, Daughter, President, Sons, Qualification, Date of Birth, Family, Profession, Politician Party, Religion, Education, Career
मार्गरेट अल्वा को विपक्ष ने उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है. आपको बता दें मार्गरेट अल्वा का नाम भारत की सियासत से काफी लंबे वक्त से जुड़ा हुआ है. उन्हें कई अवार्ड भी मिल चुके हैं और महिला सक्षतिरण के लिए काम कर चुकी हैं. आज हम मार्गरेट अल्वा का जीवन परिचय के बारे मे जानकारी देने वाले है।
आपमें से कई लोगों ने शायद मार्गरेट अल्वा का नाम नहीं सुना होगा. लेकिन आपको बता दें अल्वा भारतीय राजनीति दशकों से चला आ रहा नाम है. आपको बता दें वह 6 अगस्त 2009 से 14 मई 2012 तक उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. इसके अलावा वह राजस्थान की भी गवर्नर रह चुकी हैं. अल्वा अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव भी रह चुकी हैं.
Margaret Alva Biography In Hindi | मार्गरेट अल्वा का जीवन परिचय
पूरानाम | मार्गरेट अल्वा |
पिता का नाम | स्वर्गीय श्री पी.ए. नाज़रेथ |
माता का नाम | श्रीमती ई.एल. नाजरेथ |
पति का नाम | निरंजन अल्वा |
जन्म स्थान- | कर्नाटक के मैंगलोर में |
जन्म तिथि- | 14 अप्रैल 1942 |
आयु | 80 yrs (२०२२ के मुताबिक) |
धर्म | ईसाई |
विश्वविद्यालय | माउंट कार्मेल कॉलेज और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, बैंगलोर |
निवास | नई दिल्ली |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पार्टी | कांग्रेस |
शिक्षा | बी.ए, बी.एल, मानद डाॅक्टरेट, एम.टी. कारमेल काॅलेज तथा राजकीय विधि महाविद्यालय बैंगलुरु, कर्नाटक |
राजनीति में जुड़ी | 1969 |
बच्चे | 3 पुत्र और 1 पुत्री |
पेशा | वकालत, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ |
मार्गरेट अल्वा का प्रारंभिक जीवन
मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मैंगलोर में एक रोमन कैथोलिक परिवार में हुआ था। उन्होंने बीए की डिग्री माउंट कार्मेल कॉलेज बैंगलोर से प्राप्त की और कानून की डिग्री गवर्नमेंट लॉ कॉलेज बैंगलोर से प्राप्त की। अल्वा ने युवावस्था में ही एक वकील के रूप अच्छी पहचान बना ली थी। पेशे से वकील होने के साथ साथ मार्गरेट अल्वा की रुचि ललितकला में भी थी।
वकील होने के कारण कई कल्याणकारी कार्य भी उन्होंने अपने जीवनकाल में किया और बाद में यंग विमेन क्रिश्चियन एसोसिएशन की अध्यक्ष भी बनी। इन्होंने कई संगठन भी स्थापित किया था जो महिलाओं और बच्चों के मुद्दों पर आधारित था।
मार्गरेट अल्वा का परिवार
मार्गरेट अल्वा के परिवार में कुल 5 सदस्य थे। उन्होंने 24 मई 1964 को निरंजन थॉमस अल्वा से शादी की थी। इनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं। निरंजन थॉमस अल्वा की मुलाकात पहली बार मार्गरेट अल्वा से छात्रों के रूप में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में हुई थी। इनके पति एक निर्यात व्यवसायी थे। 1992 में मारग्रेट अल्वा के दोनो बेटे निरेत अल्वा और निखिल अल्वा ने साथ मिलकर मेडिटेक नाम की एक कंपनी को स्थापित किया। यह मेडिटेक कंपनी एक टेलीविज़न सॉफ्टवेयर कंपनी है।
मार्गरेट अल्वा का राजनीतिक जीवन
मार्गरेट अल्वा ने साल 1969 में राजनीति की दुनिया में अपना पहला कदम रखा और यही इनकी राजनीतिक दुनिया का सफर शुरू हुआ। आपको बता दे की अल्वा का राजनीति में कदम रखने के फैसले को उनके परिवार खास करके उनके पति ने बहुत ही अच्छा सपोर्ट किया। मार्गरेट अल्वा साल 1975 से 1977 के बीच अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में संयुक्त सचिव के रूप में कार्यरत रही। वही साल 1978 से 1980 के बीच यानी दो साल तक कर्नाटक के कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में कार्यरत रह चुकी है।
मार्गरेट अल्वा 6 अगस्त, 2009 को उत्तराखंड की पहली महिला राज्यपाल बनाई गई। परिवार में खास करके इससे पहले उत्तराखंड में कोई भी महिला राज्यपाल नहीं बनी थीं। उत्तराखंड राज्यपाल के कार्यभार को इन्होंने मई 2012 तक संभाला, इसके तुरंत बाद इन्हे राजस्थान का राज्यपाल बना दिया गया था। मार्गरेट अल्वा ने साल 2012 से 2014 तक राजस्थान के राज्यपाल का कार्यभार संभाला।
मार्गरेट अल्वा कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में 4 बार राज्यसभा के लिए चुनी गई। मार्गरेट अल्वा अप्रैल 1974 में राज्यसभा के लिए चुनी गई। फिर इसके बाद 1980, 1986 और 1992 में लगातार तीन बार राज्यसभा के लिए चुनी गई। राज्यसभा के कार्यकाल के दौरान 1983 से 1985 में उपाध्यक्ष भी रही। 1984 से 1985 में मार्गरेट अल्वा ने संसदीय मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुकी है।
इसके साथ साथ मानव संसाधन विकास, बाल विकास, महिला मंत्रालय इत्यादि की एक शाखा के रूप में भी कार्य किया। इसके अतरिक्त कई सांसद समितियों के रूप में भी मार्गरेट अल्वा ने काम किया। इसके बाद विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री भी रही। इसके अलावा मार्गरेट अल्वा ने 1991 से 1996 तक लोक शिकायत, पेंशन और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में भी कार्यरत रही।
मार्गरेट अल्वा उपराष्ट्रपति उम्मीदवार 2022
मार्गरेट अल्वा को विपक्ष ने अपने उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार खड़ा किया है. आपमें से कई लोगों ने शायद मार्गरेट अल्वा का नाम नहीं सुना होगा. लेकिन आपको बता दें अल्वा भारतीय राजनीति दशकों से चला आ रहा नाम है. आपको बता दें वह 6 अगस्त 2009 से 14 मई 2012 तक उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. इसके अलावा वह राजस्थान की भी गवर्नर रह चुकी हैं. अल्वा अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव भी रह चुकी हैं.
मार्गरेट अल्वा से जुड़े कुछ तथ्य
- कॉलेज के दिनो मे अल्वा एक अच्छा वाद विवाद करने वाली छात्रा थी और यही वजह थी कि कॉलेज में होने वाले आंदोलनों में वो हिस्सा भी लेती थीं।
- मैसूर विश्वविद्यालय ने वर्ष 1989 में मार्गरेट अल्वा को साहित्य में डॉक्टरेट पद के रूप में मानद उपाधि से सम्मानित किया था।
- वह कई राज्यों की राज्यपाल भी रह चुकी है। उत्तराखंड के 4वें राज्यपाल, गोवा के 17वें राज्यपाल , के 23वें राज्यपाल और राजस्थान के 20वें राज्यपाल के रूप में कार्यरत रही।
- निरंजन अल्वा से इनकी पहली मुलाकात यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज, बेंगलुरु में सहपाठी छात्र के रूप में हुई।
- मैंगलोर की रहने वाली अल्वा की प्राथमिक शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात, उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए उन्हें बैंगलोर जाना पड़ा।
- अल्वा को 1961 में माउंट कार्मेल कॉलेज में सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंड स्टूडेंट का खिताब प्राप्त हुआ।
- अल्वा के सास ससुर भारतीय संसद की पहली जोड़ी और स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी के रूप में रह चुके थे। इनसे ही प्रभावित होकर 1969 में अल्वा ने राजनीति में अपना पहला कदम रखा था।
- अल्वा ने अपनी करियर की शुरुआत एक वकील के रूप में किया था। इसके बाद कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवराज उर्स, जो कि उस समय इंदिरा गांधी के करीबी विश्वासपात्र हुआ करते थे, उनके मार्गदर्शन में राजनीति के क्षेत्र में अल्वा ने अपना पहला कदम रखा था।
- राजीव गांधी जी ने अल्वा को संसदीय मामलों के लिए वर्ष 1984 में राज्य मंत्री बनाया था।
- अल्वा एक एनजीओ की संस्थापक सदस्य भी हैं जिसका नाम करुणा है। यह एनजीओ आर्थिक रूप से और राजनीतिक रूप से महिलाओं को मजबूत बनाता है। एक और एनजीओ है जिसका नाम तमन्ना है। अल्वा इस एनजीओ की भी संरक्षक है जो कि मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के रहने की व्यवस्था करता है।