मारियप्पन थान्गावेलु का जीवन परिचय | Mariyappan Thangavelu Biography In Hindi

मारियप्पन थान्गावेलु का जीवन परिचय [Mariyappan Thangavelu Biography In Hindi]

मारियप्पन थान्गावेलु भारत के पैरा खेल में हाई जम्प के खिलाड़ी है. इन्होने 2016 में रियो में हुए पैरालिम्पिक खेल में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. रियो पैरालिम्पिक खेल में पुरुष वर्ग की हाई जम्प की प्रतियोगिता में T-42 केटेगरी में गोल्ड मैडल जीत, भारत का नाम बहुत ऊँचा कर दिया. सन 2004 के बाद मारियप्पन पहले पैरालिम्पिक खिलाड़ी है, जिन्हें इस खेल में गोल्ड मैडल मिला है.


 

मारियप्पन थान्गावेलु का जीवन परिचय

पूरा नाम मारियप्पन थान्गावेलु
जन्म 28 जून, 1995
जन्म स्थान सालेम जिला, तमिलनाडु
माता का नाम सरोजा
उम्र 21 साल
नागरिकता भारतीय
कोच सत्यनारायण
खेल एथलेटिक्स



 

मरियप्पन थंगावेलु का जन्म 28 जून, 1995 को तमिलनाडु के सलेम ज़िले में हुआ था। महज पांच साल की उम्र में मरियप्पन थंगावेलु को अपनी एक टांग गंवानी पड़ी थी। वह अपने घर के बाहर खेल रहे थे, जब एक बस ने उन्हें टक्कर मार दी। इस हादसे में उनकी दायीं टांग घुटने से नीचे पूरी तरह कुचली गई। उनका पैर पूरी तरह बेकार हो चुका था। एक साक्षात्कार में मरियप्पन ने बताया कि बस का चालक नशे में था, लेकिन इस बात से आखिर क्या फर्क पड़ता है? मेरा पैर पूरी तरह बेकार हो चुका था। मेरी टांग फिर कभी ठीक नहीं हुई। उनका परिवार आज भी सरकारी ट्रांसपोर्ट कंपनी के खिलाफ कोर्ट में केस लड़ रहा है। लेकिन यह हादसा भी मरियप्पन को रोक नहीं पाया। वह अब 21 साल के हो चुके हैं। 9 सितम्बर, 2016 को उन्होंने पुरुषों की टी42 ऊँची कूद में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। ब्राजील की राजधानी रियो डी जनेरो में हो रहे पैरालिंपिक खेलों में मरियप्पन ने सोने की छलांग लगाई।



एक बस ने पांच-वर्षीय मरियप्पन को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में उनका एक पैर कट गया। 17 वर्ष तक अदालत के कई चक्कर काटने के बाद मरियप्पन के परिवार को 2 लाख रुपए मुआवज़ा मिला। पर इसमें से 1 लाख रुपए वकीलों की फीस में चले गए। बाके के 1 लाख रुपए सरोज अम्मा ने मरियप्पन के भविष्य के लिए एक बैंक खाते में जमा कर दिए। सरोजा देवी ने मरियप्पन के इलाज के लिए 3 लाख का ऋण लिया था जो 2016 तक चुकाया नहीं गया है।

गरीबी के वजह से मरियप्पन के बड़े भाई टी कुमार स्कूल के आगे नहीं पढ़ पाए। लेकिन मरियप्पन ने छात्रवृत्ति के बल पर ए.वी.एस. महाविद्यालय से बीबीए की डिग्री पूरी की। इसी महाविद्यालय के द्रविड़ शारीरिक शिक्षा निदेशक ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें प्रोत्साहन दिया। इसके बाद बैंगलुरू के द्रविड प्रशिक्षक सत्या नारायण ने मरियप्पन को दो साल तक हर महीने 10 हज़ार रुपए और प्रशिक्षण दिया।



मारियप्पन थंगावेलु करियर (Mariyappan Thangavelu Career)

मरियप्पन थंगावेलु एक छात्र के रूप में वॉलीबॉल खेल मज़ा आया; बाद में, उनके स्कूल के शारीरिक शिक्षा अध्यापक ने उन्हें उच्च कूदने का प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया। 14 वर्ष की आयु की अपनी पहली प्रतियोगी स्पर्धा में, वह सक्षम शरीर के प्रतिद्वंद्वियों के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर रहे, जिसके बाद उन्होंने सालेम जिले में अपने सहपाठियों और अन्य लोगों से मजबूत प्रोत्साहन प्राप्त किया। 2013 में, उनके वर्तमान कोच श्री। सतयानरायण, जो कि भारत के खेल अकादमी के लिए अलग-अलग तरीके से समर्थित थे, ने पहले भारतीय राष्ट्रीय पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपना प्रदर्शन देखा और औपचारिक रूप से उन्हें 2015 में एक छात्र के रूप में ले लिया, उन्हें बेंगलुरु पहुंचा दिया आगे कोचिंग के लिए

मार्च 2016 में, मारियप्पा ने ट्यूनीशिया में आईपीसी ग्रांड प्रिक्स में पुरुषों की ऊंची छलांग टी 42 प्रतियोगिता में 1.78 मीटर (5 फुट 10 डिग्री) की दूरी तय कर रियो पैरालिंपिक्स के लिए क्वालीफाइंग किया। रियो पैरालिंपिक्स में, उन्होंने 1.8 9 मीटर (6 फीट 2 डिग्री) की छलांग के साथ पुरुषों की ऊंची छलांग टी 42 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।



मारियप्पन थंगावेलु पुरस्कार  (Mariyappan Thangavelu Award)

मार्च, 2016 में मरियप्पन थंगावेलु ने 1.78 मीटर की छलांग लगाकर रियो के लिए क्वॉलिफाइ किया था, जबकि क्वॉलिफिकेश मार्क 1.60 मीटर था। उनके प्रदर्शन से इस बात का अंदाजा लग गया था कि ओलिंपिक का पदक उनकी पहुंच से दूर नहीं है। मरियप्पन को भारत सरकार की ओर से पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर 75 लाख रुपये की इनामी राशि तो मिली ही है, साथ ही तमिलनाडु सरकार ने भी उन्हें दो करोड़ रुपये का पुरस्कार देने का ऐलान किया है


पुरस्कार और मान्यता

पद्म श्री (2017) – भारत का चौथा उच्चतम राष्ट्रीय सम्मान

युवा मामलों और खेलों के मंत्रालय से 75% से अधिक (यूएस $ 120,000)

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय से 30% से अधिक राशि (यूएस $ 47,000)

सचिन तेंदुलकर द्वारा स्थापित निधि से 15,000,000 डॉलर (23,000 अमेरिकी डॉलर) विभिन्न निगमों

यशराज फिल्म्स से 10 लाख रुपये से अधिक (यूएस $ 16,000)

दिल्ली गोल्फ क्लब से 10 लाख रुपये से अधिक (यूएस $ 16,000)

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