मुहर्रम क्या हैं ? (Muharram Kya Hai In Hindi)
‘मोहर्रम’ इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने का नाम है। इसी महीने से इस्लाम का नया साल शुरू होता है। इस महिने की 10 तारीख को रोज-ए-आशुरा (Day Of Ashura) कहा जाता है, इसी दिन को अंग्रेजी कैलेंडर में मोहर्रम कहा गया है।
मुहर्रम क्यों मनाया जाता है ? | ताजिया क्यों मनाया जाता है?
इस्लाम में जो मान्यताएं हैं उनके अनुसार इराक में यजीद नाम का जालिम बादशाह इंसानियत का दुश्मन था, यजीज खुद को खलीफा मानता था. हालांकि उसको अल्लाह पर भरोसा नहीं था औऱ वो चाहत रखता था कि हजरत इमाम हुसैन उसके खेमें में शामिल हो जाएं. लेकिन हुसैन को ये मंजूर नहीं था औऱ उन्होंने यजीद के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया. पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन को कर्बला में परिवार औऱ दोस्तों के साथ शहीद कर दिया गया था. जिस महीने हुसैन औऱ उनके परिवार को शहीद किया गाय था वह मुहर्रम का ही महीना था.
2022 में मोहर्रम कब है?
मुहर्रम महीने के अशूरा को इमाम हुसैन शहीद हुए थे जो हिजरी कैलेंडर के अनुसार 29 अगस्त को पड़ रहा है।
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मुहर्रम कैसे मनाया जाता है ?
शिया समुदाय के लोग मुहर्रम की दसवीं तारीख को काले कपड़े पहनकर हुसैन और उनके परिवार की शहादत को याद करते हैं. हुसैन की शहादत को याद करते हुए सड़कों पर जुलूस निकाला जाता है और मातम मनाया जाता है. मुहर्रम की नौ और 10 तारीख को मुसलमान रोजे रखते हैं और मस्जिदों-घरों में इबादत की जाती हैवहीं सुन्नी समुदाय के लोग मुहर्रम के महीने में 10 दिन तक रोजे रखते हैं. कहा जाता है कि मुहर्रम के एक रोजे का सबाब 30 रोजों के बराबर मिलता है.
कर्बला की जंग | कर्बला की कहानी क्या है?
वर्तमान में कर्बला इराक का प्रमुख शहर है. कर्बला इराक की राजधानी बगदाद से 120 किलोमीटर दूर है. कर्बला मुस्लिम धर्म के अनुयायियों के लिए प्रमुख स्थान है. इस्लाम की मान्यताओं के अनुसार हजरत इमाम हुसैन अपने परिवार और साथियों के साथ दो मोहर्रम को कर्बला पहुंचे थे.
यजीद अपने सैन्य बल के दम पर हजरत इमाम हुसैन और उनके काफिले पर जुल्म कर रहा था. उस काफिले में उनके परिवार सहित कुल 72 लोग शामिल थे. जिसमें महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी थे. यजीद ने उन सबके लिए 7 मुहर्रम को पानी की बंद कर दिया था.
नौवें मोहर्रम की रात हुसैन ने अपने साथियों कहा कि, ‘यजीद की सेना बड़ी है और उसके पास एक से बढ़कर एक हथियार हैं. ऐसे में बचना मुश्किल है. मैं तुम्हें यहां से चले जाने की इजाजत देता हूं. मुझे कोई आपत्ति नहीं है.’ लेकिन कोई हुसैन को छोड़कर नहीं गया.
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मुहर्रम की 10 वीं तारीख को यजीद की सेना ने हुसैन की काफिले पर हमला कर दिया. शाम होते – होते हुसैन और उनका पूरा काफिला शहीद हो गया. शहीद होने वालों में उनके छः महीने की उम्र के पुत्र हज़रत अली असग़र भी शामिल थे.
FAQs
मोहर्रम का अर्थ क्या है?
कर्बला, इराक
कर्बला कौन से देश में है?
कर्बला, ईराक का एक प्रमुख शहर है।
कर्बला की कहानी क्या है?
इस्लाम की बुनियाद बचाने में कर्बला में 72 लोग शहीद हो गए, जिनमें दुश्मनों ने छह महीने के बच्चे अली असगर के गले पर तीन नोक वाला तीर मारा, 13 साल के बच्चे हजरत कासिम को जिन्दा रहते घोड़ों की टापों से रौंद डलवाया और सात साल आठ महीने के बच्चे औन-मोहम्मद के सिर पर तलवार से वार कर शहीद कर दिया था।
इमाम हुसैन की कब्र वाले ढांचे को क्या कहते हैं?
इमाम हुसैन की कब्र वाले ढांचे को ताजिया कहते है |