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प्रियम गर्ग का जन्म 30 नवंबर 2000 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम नरेश गर्ग हैं जिन्होंने अपने परिवार का पेट भरने के लिए कई काम किए जैसे वैन चलाना, दूध बेचना और अखबार बेचना आदि। प्रियम कुमार गर्ग को आमतौर पर प्रियम गर्ग के नाम से जाना जाता है, प्रियम गर्ग एक भारतीय दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं जो घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हैं। वह भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान भी हैं।
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Priyam Garg Biography In Hindi | प्रियम गर्ग का जीवन परिचय
पूरा नाम | प्रियम कुमार गर्ग |
उपनाम | प्रियम |
जन्म तिथि | 30 नवंबर 2000 |
जन्म स्थान | मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत |
उम्र | 20 वर्ष (अगस्त 2021 तक) |
नेट वर्थ | ज्ञात नहीं |
व्यवसाय /भूमिका | क्रिकेटर/बल्लेबाज |
ऊंचाई (लगभग) |
1.79 मीटर या 179 सेंटीमीटर |
प्रियम गर्ग का जन्म व प्रारम्भिक जीवन ( Priyam Garg Early Life)
प्रियम गर्ग का जन्म 30 नवंबर 2000 मे उत्तर प्रदेश मेरठ मे हुआ था। इनके पिता का नाम नरेश गर्ग है, वह दूध बेचकर अपना और अपने परिवार का जीवनयापन करते है। इनकी माँ का नाम कुसुम देवी था, 2011 में बिमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई। उस समय प्रियम की उम्र मात्र 11 साल थी। इनकी तीन बहनें और एक भाई है।
Priyam Garg Family | प्रियम गर्ग का परिवार
पिता का नाम | नरेश गर्ग |
माता का नाम | कुसुम गर्ग (मृत्यु) |
भाई का नाम | शिवम गर्ग (फार्मासिस्ट) और ऋतिक गर्ग |
बहन का नाम | पूजा गर्ग, रेशु गर्ग और ज्योति गर्ग |
पत्नी | अविवाहित |
वैवाहिक स्थिति |
अविवाहित |
प्रियम गर्ग का क्रिकेट करियर (Priyam Garg’s cricket career)
प्रियम ने 19 सितंबर 2018 को विजय हजारे ट्रॉफी से अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की। फिर उन्हे 1 नवंबर 2018 यूपी रणजी टीम में खेलने का मौका मिला। दिसंबर 2018 में त्रिपुरा के खिलाफ मैच मे उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपना पहला दोहरा शतक बनाया। उन्होंने 21 फरवरी 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के लिए अपना टी-20 डेब्यू किया।
अगस्त 2019 में, उन्हें दलीप ट्रॉफी के लिए इंडिया ग्रीन टीम के टीम में चयन किया गया। अक्टूबर 2019 में उनका देवधर ट्रॉफी के लिए इंडिया सी के टीम में चयन किया गया।
2019-2020 में विजय हजारे ट्रॉफी मे उन्होंने 6 मैचों मे 287 रन बनाए थे। दिसंबर 2019 में, उन्हें टी20 अंडर -19 क्रिकेट विश्वकप के लिए भारत के टीम के कप्तान के रूप में चुना गया था। उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हुए भारत को वर्ल्डकप भी जिताया था।
प्रियम गर्ग का संघर्ष और सपना
जब प्रियम छोटे थे तब उनके पिता उन्हें बड़ा अधिकारी बनना चाहते थे। जैसे आज हर मध्यम वर्ग के पिता सोचते है। पहले खेलों को लेकर भारत मे माता-पिता और परिवार के लोग बेहद नाराज हुआ करते थे। प्रियम गर्ग के साथ भी कुछ ऐसा ही था। उनकी मां कुसुम देवी भी उन्हें समझाती थी कि खेल में कुछ नहीं रखा है। पढ़-लिख ले बड़ा अधिकारी बना जाएगा, लेकिन प्रियम के अंदर क्रिकेटर बनने का जुनून सवार था, उनके इस जूनून को देख कर उनके पिता नें ठान लिया की उन्हें क्रिकेटर बना कर रहेंगे, और उन्होंने यह कर के भी दिखया।
चलिए देखते है कैसे प्रियम के पिता ने उनका सपना पूरा किया, और इसके लिए किन मुश्किलों का सामना किया। पिता नरेश गर्ग ने बेटे के क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने के लिए दस साल तक कड़ी मेहनत की। वह साईकिल से घर-घर जाकर दूध बेचकर बेटे के सपनों को आकार दिया। प्रियम गर्ग नें 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। वह स्कूल से आने के बाद खेतों मे क्रिकेट खेला करते थे, वहां उन्हें खेलता देख लोग बहुत प्रभावित हुए क्योंकी वह इस छोटी उम्र मे भी बहुत अच्छा खेल रहे थे। मेरठ एकेडमी ज्वाइन कराने के बाद पिता ने बेटे प्रियम गर्ग को अच्छा क्रिकेटर बनाने के लिये दिन-रात मेहनत की। प्रतिदिन किला परीक्षितगढ़ से मेरठ भेजने और उसको वापस लाने की जिम्मेदारी भी बड़ी थी। क्योंकि 2009 में साधनों की कमी के चलते कई बार साइकिल से भी मेरठ आना पड़ता था।
फिर 2010 मे नरेश गर्ग दूध का काम छोड़कर स्वास्थ विभाग में गाड़ी चालानें लगे थे, वह गाड़ी चलाकर अपना घर चला रहे थे। अब वह पहले से ज्यादा पैसे कमाने लगे थे। घर भी ठीक ठाक चल जाता था।
2011 में प्रियम की मां की मृत्यु हो गई। उस समय प्रियम मात्र 11 साल के थे। मां की मौत के बाद प्रियम नें एकेडमी जाना छोड़ दिया था। फिर उनके पिता ने उनका हौसला बढ़ाया और कुछ दिनों बाद पिता ने उनको फिर से एकेडमी भेजना शुरू किया।
2018 मे फिर प्रियम का उत्तर प्रदेश की रणजी टीम में सलेक्शन हुआ। रणजी मे सलेक्शन होने के बाद उन्हें अच्छी रकम मिलनें लगी थी, जिससे घर के हालात अब पहले से बेहतर हो गई थी।
इसके बाद उनका सलेक्शन यूपी अंडर-14, 16, 19 में होता चला गया। प्रियम का प्रदर्शन दिन प्रतिदिन निखरता गया। फिर उन्हें 2019 अंडर-19 कैप्टेन बना दिया गया, एक क्रिकेटर के जीवन में टीम इंडिया की कप्तानी करना बहुत बड़ी बात है भले ही वह अंडर-19 मे हो। प्रियम के पिता के लिए इससे बड़ा गौरव नहीं हो सकता था, उन्होंने अपने बेटे का सपना साकार करके दिखाया।
प्रियम गर्ग उन्होंने छह साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। जब वह 11 वर्ष के हुए तब उनकी माता किसी बीमारी की वजह से चल बसी।
Priyam Garg IPL Team
इनके अंडर-19 वर्ल्डकप मे शानदार प्रदर्शन करने के कारण आईपीएल जैसी शानदार लीग के फ्रेंचाइजी ओनर का ध्यान इनकी तरफ गया। फिर सनराइजर्स हैदराबाद ने इनपर बोली लगाई, और इन्हे 1.9 करोड़ रुपए देकर अपनी टीम मे शामिल किया। प्रियम गर्ग इस समय सनराइजर्स हैदराबाद टीम मे है आईपीएल ऑक्शन मे उनका बेस प्राइस 20 लाख था उन्हे 1.9 करोड़ मे सनराइजर्स हैदराबाद द्वारा खरीदा गया
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