आजकल शेयर बाजार (Share Market) में तगड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। कुछ हफ्ते पहले तो शेयर बाजार ने अपना रेकॉर्ड हाई का आंकड़ा भी छुआ था। ऐसे में बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि आखिर शेयर बाजार से पैसे कैसे कमाएं? ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जिन्होंने कोरोना काल में शेयर बाजार से तगड़ी कमाई की है। यहां एक बात ध्यान रखने की है कि शेयर बाजार से तगड़ी कमाई होती है, तो वहीं इसमें पैसा डूबता भी काफी है
अगर आप भी उन लोगों में से है, जो शेयर बाजार में पैसा लगाकर कमाई करना करना चाहते है, परन्तु आपको जानकारी नहीं है की शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाए? ऐसे मे हमारा यह आर्टिकल आप के लाइ बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है। तो आप हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से अंत तक जरूर पढे।
शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट को शेयर बाज़ार या स्टॉक मार्केट के नाम से भी जाना जाता है। शेयर मार्केट एक ऐसी मार्केट है, जहाँ बहुत सी कंपनीज़ के शेयर्स ख़रीदे और बेचे जाते हैं। मार्केट के अनुसार कई चीज़ों में फेर बदल और उतार चढ़ाव के चलते शेयर्स के प्राइज़ भी घटते और बढ़ते हैं जिसके चलते यहां कुछ लोग या तो बहुत पैसा कमा लेते हैं या अपना सारा पैसा गवा देते हैं। किसी कंपनी का शेयर खरीदने का मतलब है आपका उस कंपनी में पार्टनर बन जाना। जिसके कारण उस कंपनी की ग्रोथ और उसका मुनाफा आपका मुनाफा होता है। इस मुनाफे नुक्सान पर हर सेकंड नज़र रखी जाती है जिससे ज़्यादा से ज़्यादा पैसा कमाने की तरकीब और कम से कम नुक्सान की तरकीब लगाई जाती है।
शेयर मार्केट में आप जितना भी पैसा लगाएंगे या कहिए कि जितनें भी शेयर्स खरीदेंगे उसी के हिसाब से कुछ प्रतिशत के मालिक उस कंपनी के हो जाते हैं। हर कंपनी की अपनी एक मार्केट वैल्यू होती है जिसके अनुसार ही उनके शेयर्स की कीमत भी निर्धारित होती है। हालांकि यह हर समय बदलती है जिसकी वजह से ही किसी का फायदा हुआ या नुक्सान कैलकुलेट किया जाता है। यह सारा काम और खरीदना बेचना एक नेटवर्क के माध्यम से किया जाता है। टेक्नोलॉजी में बढ़ोतरी के कारण अब आप अपने घर बैठे भी शेयर्स की हल चल जान सकते हैं साथ ही शेयर्स की खरीद बेच बेहद आसानी से कर सकते हैं।



शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं?
अगर आप शेयर मार्केट मे पैसा लगाने का सोच रहे है तो शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए दो कंपनीयां है- 1. National stock Exchange (NSE) और 2. Bombay stock exchange (BSE)। NSE दिल्ली में स्थित है जबकि दूसरा BSE मुंबई में स्थित है। ये दोनों शेयर बाजार सप्ताह में पांच दिन खुले रहते है। (Share Market Bab Khulta Hai Kab Band Hota Hai) इसके खुलने का समय है सुबह 9 बजे से शाम 3:30 बजे तक।
इन दोनों में खाता खुलवाने के लिए आपको ब्रोकर से संपर्क करना होगा। वो आपका Demat account खोलेगा, इसके बाद आप Demat trending account के हिसाब से शेयर बाजार में अपना पैसा लगा सकते है।
Demat account खुलने के बाद आप घर बैठे ऑनलाइन भी अपना पैसा लगा और निकाल सकते है, साथ ही ऑनलाइन ही किस सेक्टर की कंपनी के शेयर ऊपर जा रहे है और कौन से शेयर में गिरावट आ रही है ये सब भी देख सकते है।
Share market में निवेश करने से पहले आप इस market के बारे में अधिक जानकारी जरुर लें वरना इस market में धोखे भी बहुत मिलते हैं. कई बार ऐसा होता है कुछ कंपनी fraud होती हैं और अगर आप उस कंपनी के shares को खरीद कर अपने पैसे लगाते हैं तो ऐसे कंपनी सबके पैसे ले कर भाग जाते हैं.
और फिर आपके लगाये हुए सारे पैसे डूब जाते हैं. इसलिए किसी भी कंपनी के shares को खरीदने से पहले उसके background के details को अच्छे से जरुर check कर लें.
शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाए?
तो दोस्तों मैं आपको यहां कुछ साथ ऐसे तरीके बताने वाला हूं जिससे आप शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं।
शेयर बाजार में शुरुआत कैसे करें
आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी होगा कि आप शेयर बाजार से जुड़ी किताबें ऑफलाइन या ऑनलाइन खरीद कर पढ़ सकते हैं क्योंकि उन किताबों में शेयर बाजार में निवेश करने वाले एक्सपर्ट द्वारा दी गई जानकारी होती है। यदि आपको शेयर बाजार का ज्यादा अनुभव नहीं है, तो हमेशा कम पैसों से ही शुरूआत करें, साथ ही लंबी अवधि के लिए निवेश ना करें और संभव हो तो शुरूआत में किसी अनुभवी व्यक्ति के मार्गदर्शन में ही निवेश करे, इसके साथ ही शेयर बाजार की खबरों के लिए आप ZEE Business या CNBC AWAZ चैनल देख सकते हो।
कितने रकम से निवेश की शुरुआत करें?
दोस्तों कई लोग शेयर बाजार में निवेश करने के कारण भारी भरकम कर्ज में डूब जाते हैं यदि आप शेयर बाजार में पहली बार अपना पैसा लगा रहे हैं,ऐसा जरूरी नहीं कि आपके पास मोटी रकम होनी चाहिए और ज्यादातर लोग ऐसा ही कर बैठते हैं वह अपनी सारी जमा पूंजी और साथ ही लोन यार दोस्तों से कर्ज लेकर शेयर बाजार में पैसा लगा देते हैं और बाद में उसे नुकसान सहना पड़ता है।
उत्सुकता में ऐसी भी गलती बिल्कुल ना करें कि जब आप एक बार मुनाफा कमा लेते हैं तो अगली बार लोन लेकर यह कर्ज लेकर शेयर बाजार में पूरा पैसा ना लगाना पड़े और आप अपने मुनाफे वाले पैसे को ही दोबारा शेयर बाजार में निवेश करें।
किसी खास सोच में न रहे
शेयर की खरीद-बिक्री को लेकर किसी खास तरह की सोच में न रहे. कई ट्रेडर्स स्टॉक खरीदने या बेचने का फैसला ज्यादातर उनके परिचितों के प्रभाव में आकर करते हैं. अगर उनके आस-पास के सभी लोग किसी खास स्टॉक में निवेश कर रहे हैं, तो एक वह ट्रेडर भी उसी स्टॉक में निवेश करता है. इस तरह की स्ट्रैटजी से बचना चाहिए. लॉन्ग टर्म में यह स्ट्रैटजी सही नहीं है. दुनिया के दिग्गज निवेशक वारेन बफेट ने जब दूसरे लालची हो जाएं तो डरने की जरूरत है, वहीं जब जब दूसरे डर रहे हो, तो आप लालची बन जाएं.
स्टॉक मार्केट में जल्दबाजी न करें
स्टॉक मार्केट में कभी भी जल्दबाजी न करें. शेयर के दाम बढ़ने से पहले खरीदना और गिरने से पहले तुरंत बेचने का फैसला नुकसान करा सकता है. अधिकांश निवेशक यह मानते हैं कि ट्राइंग टू टाइम इन मार्केट सही स्ट्रैटजी नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी स्टॉक में सटीक टॉप और बॉटम का अंदाजा लगाना मुमकिन नहीं है. अगर बाजार से पैसा कमाना है, तो इस तरह की स्ट्रैटजी से बचें.
निवेश में अनुशासन जरूरी
बाजार में अनुशासन बहुत जरूरी है. बाजार के इतिहास देखें तो बुल मार्केट में भी अधिकांश निवेशकों में डर होता है. शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक अपनी कमाई डुबो देते हैं, वो भी तब जब मार्केट में बुलिश ट्रेंड रहा. यानी, तेजी का दौर रहा. इसलिए निवेशकों को निवेश को लेकर अनुशासन भरा रवैया रखना चाहिए. अगर लॉन्ग टर्म में कमाई करना चाहते हैं, तो निवेश का सिस्टमेटिक अप्रोच होना जरूरी है.
हमेशा उतार चढ़ाव से अपडेट रहें
शेयर बाजार बेहद ही जोखिम भरा बाजार होता है। यहां अचानक से गिरावट भी आ जाती है और कभी तेजी भी आ जाती है, इसलिए आप हमेशा खुद को बाजार में हो रहे उतार चढ़ाव से अपडेट रखें जैसे ही किसी सेक्टर में गिरावट देखने को मिले आप उसमें तुरंत पैसा लगा दें। वही जब भी कोई सेक्टर अपनी ऊंचाई पर हो, तो उस सेक्टर से अपना पैसा निकाल लें।
भावनाओं पर काबू रखें
बाजार में हमेशा भावनाओं में बहकर फैसला नहीं करना चाहिए. अगर आपका शेयर खरीदने-बेचने को लेकर इमोशंस पर कंट्रोल नहीं है तो आप भारी नुकसान करा सकते हैं. जब बाजार में तेजी रहती है तो ट्रेडर्स ज्यादा आकर्षित होते हैं और उस चक्कर में गलत शेयरों में पैसा लगा बैठते हैं. डर और लालच, ये दो ऐसे फैक्टर हैं, जिन पर शेयर में ट्रेडिंग के दौरान कंट्रोल होना चाहिए
लालच से दूर रहें
आपने हमेशा सुना होगा लालच बुरी चीज है इसलिए हमें हमेशा लालच से दूर रहना चाहिए। लालच मे आकर कई बार हम किसी कंपनी में पैसा लगा देते है, परन्तु इससे हम कभी भी फायदे में नहीं जा सकते।
हो सके तो कम दाम के ही शेयर खरीदे
आप उस company के शेयर खरीदे जिन पर कम निवेश करना पड़े और भविष्य मे पूरी सम्भावना हो ही इसके दाम बढ़ेंगे यानि आपको कंपनी की Balance Sheet को अच्छे से पढ़ कर समझ लेना है और उसके बाद ही निवेश करना है।
अफवाहों से बचे
शेयर बाजार में अफवाहों से हमेशा दूर रहना चाहिए क्योकि यह आपके पैसे को डुबोने का काम कर सकती है। कई बार किसी विशेष कंपनी के नुकसान को देखकर लोग अंदाजा लगाना शुरू कर देते है कि अब यह कंपनी जल्द ही डुबने वाली है।
ऐसे में लोग उसमें से अपना पैसा निकालने लगते है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि भले ही कंपनी घाटे में क्यूं ना जा रही हों वह अपने नुकसान की भरपाई कर लेती है। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अफवाहों की जगह हम तथ्यों पर ध्यान दे और तथ्यों के हिसाब से पैसा लगाये और निकाले।
शेयर बाजार के फायदे और नुक्सान
दोस्तों शेयर मार्केट से जुड़ी बाकी सब बातें तो हमने जान ली है तो चलिए अब हम जान लेते हैं कि शेयर मार्केट से हमें किन चीजों में फायदा मिल सकता है और हमें शेयर मार्केट से क्या-क्या नुकसान झेलने पड़ सकते हैं।
अगर निवेशक के रूप में यहां आना चाहते हैं तो बेशक आपको इन के फायदे और नुकसान के बारे में भी जान लेना चाहिए नहीं तो बाद में यह मत कहिएगा कि किसी ने आपको बताया नहीं तो चलिए अब उन सभी चीजों के बारे में जानते हैं।
शेयर बाजार के क्या फायदे है?
1. कम समय में ज्यादा प्रॉफिट
दोस्तों कई लोगों के बीच एक आम धारणा होती है कि जब उन्हें अच्छा खासा प्रॉफिट कमाना हो तो उसके लिए उन्हें शेयर मार्केट में खरीदे गए स्टॉक लंबे समय के लिए होल्ड करके रखना चाहिए जिसका सबसे अच्छा उदाहरण फिक्स डिपाजिट के रूप में हमारे सामने मौजूद है
लेकिन ऐसा गलत है अगर आप चाहें तो आप बेहद ही कम समय में भी अच्छा खासा रिटर्न या कहे प्रॉफिट ले सकते हो। जहां अपने इन्वेस्ट किया गया पैसों का प्रॉफिट पाने के लिए सालों तक लंबा इंतजार करना पड़ता है वही शेयर मार्केट में कुछ दिनों या कुछ महीनों का भी ट्रेडिंग होता है जिसे हम intraday trading कहते हैं अगर आप कुछ दिनों या महीनों का स्टॉक खरीदना चाहते हैं तो आप इंट्राडे के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं।
2. कंपनी की हिस्सेदारी
दोस्तों जब आप शेयर मार्केट में अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं यानी कि आप जितने रुपए में कंपनी का स्टॉक खरीदते हैं तो आप एक तरह से अपने इन्वेस्ट किए गए पैसों के अनुसार उतना प्रतिशत उस कंपनी में हिस्सेदारी भी पा लेते हैं यानी कि इसका मतलब यह होता है कि कंपनी के लाभ के साथ कंपनी की हिस्सेदारी आपसे जुडी होती है।
अब एक तरह से वह आपकी कंपनी हो जाएगी जबी भी कंपनी का फायदा होगा वैसे ही आपका भी फायदा होगा अगर कंपनी का नुकसान होगा तो आप का भी नुकसान होगा बस डिपेंड करता है कि आपने उस कंपनी का स्टॉक कब खरीदा।
3. कंपनी के निर्णय में आपकी भागीदारी
दोस्तों जब भी आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते हो या शेयर खरीदते हो तब आपको कंपनी एक छोटा सा ही सही लेकिन खुद के कंपनी का भागीदार जरूर बनाती है इससे होता यह है कि आप भी उस कंपनी के कुछ हिस्से के मालिक हो और आप भी उस कंपनी के लिए कोई भी निर्णय ले सकते हो
4. टैक्स में लाभ
अगर शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट के फायदे की बात करे तो इसमें आपको ज्यादा से ज्यादा टैक्स की बचत मिलती है। और इसके पीछे का कारण यह है कि जब आप लॉन्ग टर्म यानी 912 महीने से ज्यादा के लिए किसी कंपनी का स्टॉक खरीदते हैं तो आपको मात्र 10% टैक्स ही सरकार को देना पड़ता है
वहीं अगर आप 12 महीने से कम समय के लिए किसी स्टाफ में अपना पैसा इनवेस्ट करते हैं तो आपको 15% के अलावा 3% शेष के रूप में ही टैक्स भरना पड़ता है।
शेयर बाजार के नुकसान क्या है ?
1. स्थिरता का अभाव
दोस्तों शेयर बाजार में प्रति-क्षण आने वाली अस्थिरता से इन्वेस्टर को कभी-कभी बड़ा नुकसान सहना पड़ सकता है मार्केट में कही सारे बदलाव के चलते शेयर के कीमत में तेजी से बदलाव होने के चलते ट्रेडर को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
इसे हम एक तरह के उदाहरण से बड़ी आसानी से समझ सकते हैं जैसा कि किसी ट्रेडर ने इंट्राडे से ट्रेडिंग की यानी आपको तो पता ही होगा कि इंट्राडे ट्रेडिंग कुछ दिनों या कुछ महीनों के लिए होता है तो उसने इंट्राडे ट्रेडिंग में ₹100 प्रति शेयर के हिसाब से 150 शेयर खरीदे! वह भी इस उम्मीद से की शेयर की कीमत कम से कम 110 या 115 तक बढ़ जाएगी
लेकिन हुआ यूं कि शुरुआती में कुछ मिनटों तक उनके खरीदे गए शेयर की कीमत में बढ़ोतरी होती रही लेकिन अचानक से उस शेयर के प्राइस लगातार नीचे गिरते ही चले जाते हैं और यह कभी भी किसी भी ट्रेडर के साथ अचानक से हो सकता है यह सब मार्केट के ऊपर निर्भर होता है तो इस स्थिति में प्रेरकों कभी-कभी अच्छा खासा नुकसान सहना पड़ सकता है।
2. लाभ में कमी
कुछ कंपनियां अपने शेयर खरीदारों को लाभ भी प्रदान करती है इस उम्मीद में ज्यादातर लोग उस कंपनी में अपना पैसा इन्वेस्ट कर देते हैं लेकिन वह एक बात भूल जाते हैं कि लाभ पाने के मामले में वह कंपनी प्रथमिकता सुचि में सबसे आखिरी में आती है।
3. भावना पूर्ण में निर्णय लेना।
जब कोई नया ट्रेडर्स किसी शेयर को खरीद ता है तो उन्हें इस बात की उम्मीद होती है कि इस शेयर की कीमत में उछाल आएगा लेकिन वोलैटिलिटी के कारण शेयर की कीमत तेजी से ऊपर नीचे होती रहती है जब शेयर की कीमत नीचे आ जाता है तो ज्यादा तर नए ट्रेडर डर से और हड़बड़ाहट में अपने खरीदे गए शेयर को बेच देते है।
जो कि उनका यह निर्णय बेहद ही नुकसानदायक हो जाता है उस शेयर की कीमत कुछ समय बाद बढ़ जाती इसलिए किसी भी शेर को खरीदने और बेचते वक्त अपनी भावनाओं काबू रखना चाहिए।
4. ट्रेडर को अधिकार ना मिलना।
वैसे तो किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने के बाद ही आप उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हो जहां आपको अधिकार मिलता है कि आप कंपनी के किसी भी निर्णय में वोटिंग के माध्यम से अपना निर्णय रख सकते हो लेकिन आपके इस वोटिंग का अधिकार कंपनी के किसी निर्णय को प्रभावित नहीं करता है।
और इसके अलावा आपको उस कंपनी में कुछ हिस्सेदारी मिलने के बावजूद भी आप किसी कंपनी में किसी भी तरह का प्रमाण है उनसे जुड़े कोई रिकॉर्ड नहीं देख सकते।