Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi | विजय शेखर शर्मा का जीवन परिचय

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Paytm आज पूरे देश की सबसे लोकप्रिय डिजिटल पेमेंट एप्लीकेशन बन चुका है। भारत में पेटीएम एप्लीकेशन ऑनलाइन पेमेंट के लिए प्रत्येक जगह देखने को मिलेगा। आपको पेटीएम एप्लीकेशन भारत के ज्यादातर मोबाइल फोंस में देखने को मिल जाएगा। परंतु क्या आप जानते हैं पेटीएम के फाउंडर कौन है?, पेटीएम के फाउंडर एक भारत के छोटे से शहर के बहुत ही साधारण परिवार से तालुक रखते हैं।

आप में से ज्यादातर लोग इनके बारे में तो जानते ही होंगे। परंतु जिन लोगों को पेटीएम के फाउंडर के विषय में जानकारी प्राप्त नहीं है। हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि पेटीएम एप्लीकेशन के फाउंडर भारतीय युवा विजय शेखर शर्मा जी ही हैं। विजय शेखर को अंग्रेजी का थोड़ा भी ज्ञान नहीं था, परंतु इसके बावजूद भी इन्होंने पेटीएम जैसे एप्लीकेशन की खोज कर डाली। आज हम इनके जीवन परिचय के बारे मे आपको बताने वाले है।

Vijay Shekhar Sharma Biography in Hindi | विजय शेखर शर्मा का जीवन परिचय

पूरा नाम विजय शेखर शर्मा
जन्म तिथि  15 जुलाई 1978
जन्म स्थान अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
शिक्षा इंजीनियरिंग
पेशा उद्यमी
उद्योग प्रकार एटीएम के फाउंडर
नेट वर्थ 2.3 अरब डॉलर
पत्नी का नाम  मृदुला शर्मा
पिता का नाम  सुलोम प्रकाश शर्मा
माता का नाम  आशा शर्मा

विजय शेखर शर्मा का जन्म व प्रारम्भिक जीवन 

विजय शेखर शर्मा एक भारतीय उद्यमी है जिन्होंने पेटीऍम को बाज़ार में उतारा। शर्मा का जन्म 15 जुलाई 1978 को उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ ज़िले में हुआ था। इन्होंने मातृ शिक्षा दिल्ली के इंजीनियरिंग कॉलेज से पूर्ण की। वह अलीबाबा के संस्थापक जैक मा और सॉफ्टबैंक के मासाओशी बेटे को उनके प्रेरणा के रूप में बताते हैं। उन्होंने 15 साल की उम्र में कॉलेज शुरू किया। 1 99 7 में, जब महाविद्यालय में, वेबसाइट indiasite.net शुरू की और इसे दो साल बाद 10 लाख डॉलर में बेच दिया

उच्‍च शिक्षा के लिये इन्‍हाेेनें दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया, यहॉ उनके आडें आयी अंग्रेजी, चूंकि वह हिंदी मीडियम स्‍कूल से पढें थे, इसलिये अंग्रेेजी न आने की वजह से यहॉ उन्‍हें बहुत परेशानी का सामना करना पडा, लेकिन अंग्रेजी न आने की वजह से उन्‍होनें अपना आत्‍मविश्‍वास कमजोर नहीं होने दिया

विजय एक मिडिल क्‍लास परिवार के थे, वह पैसे की अहमियत जानते थे, जब वह पढाई कर रहे थे तभी वो भी पढ़ाई के दौरान ही अपने एक दोस्त के साथ मिलकर बिज़नेस शुरू कर दिया था, फिर बाद में उसे अमेरिकन कंपनी लोटस इंटरवर्क्स को बेच दिया और अपनी ही कंपनी में नौकरी करने लग गये इससे उन्‍हें अच्‍छा खासा मुनाफा हुआ, करीब एक साल बाद कुछ अलग करने के लिये उन्‍होंने इस कंपनी की नौकरी को छोड दिया

नौकरी छोडने के बाद उन्‍होनें अपनी एक नई कंपनी शुरू की जिसका नाम था One97, लेकिन यह ठीक से नहीं चल पायी, सालभर में उन्‍हें काफी घाटा झेेलना पडा, हालत इतनी खराब हो गयी कि एक-एक पैसे बचाने के लिए उन्‍हें काफी मेहनत करनी पडती थी. बस का किराया बचाने के लिये वह पैदल चलते थे. कभी-कभी पूरा दिन सिर्फ दो प्याली चाय पर ही गुजर जाता था, यहां तक की उनकी कोई शादी करने को भी तैयार नहीं था, इस बीच वह लोगों के घर जाकर कंप्‍यूटर रिपेयर (Computer Repair) करने का काम करते थे

जब बात एक-एक पैसा बचाने की तो विजय की जीवन में छुट्टे पैसे बहुत अहम थे, लेकिन उन्‍होने देखा कि चाहें ऑटो वाला हो, चाहे दुकान वाला या रिक्‍शेे वाला सभी जगह उन्‍हें छुट्टे पैसे के लिये बहुत परेशान होना पडता था और यहीं से उनके दिमाग में आयडिया आया पेटीएम (Paytm) बनाने का। पेटीम की शुरुआत 2010 में हुई

उनके निवेशकों में चीन की नामी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के मालिक जैक मा और रतन टाटा शामिल हैं. अपने इस संघर्षों से भरे सफर के बारे में बात करते हुए विजय शेखऱ ने कहा ‘कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किसी जगह से आए हैं. बस कुछ चाहिए तो वो है लगन, या तो आप अंदर रहेंगे या फिर बाहर.’

शेखर एक बेटे के पिता हैं और उनके मुताबिक बढ़ती उम्र के साथ परिपक्वता आ ही जाती है. वैसे हाल ही में उन्होंने अपनी हिम्मत को आज़माने के लिए प्लेन से छलांग मारी थी. इसके अलावा नए व्यापारों में निवेश का जोखिम उठाना भी उनका शौक है.

विजय शेखर शर्मा का बिज़नस सफ़र 

विजय ने इस खाली समय का उपयोग सॉफ्टवेयर कोडिंग सीखने में लगा दिया. विजय का बिज़नस सफ़र कॉलेज के दिनों में ही शुरू हुआ जब उन्होंने मित्रों के साथ मिलकर एक कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम indiasite.net बनाया जिसमे इन्वेस्टर्स ने पैसा लगाया था. दो साल बाद इसको बेचने से मिले 1 मिलियन डॉलर से विजय ने One97 Communications Ltd. नाम की मोबाइल वैल्यू एडेड सर्विस देने वाली कंपनी खोली. One97 Communications Ltd. मोबाइल के लिए तरह तरह के कंटेंट जैसे एग्जाम रिजल्ट्स, रिंगटोन्स, समाचार, क्रिकेट स्कोर, जोक्स प्रदान करती है.

अमेरिका की 9/11 त्रासदी का असर मार्केट पर इस कदर पड़ा कि रातोंरात कितने ही बिज़नस तबाह हुए और One97 Communications Ltd. भी इसका शिकार हुआ. Paytm की ग्राहक Hutch और Airtel जैसी बड़ी कम्पनियां समय पर भुगतान नहीं कर पा रही थीं. अपने स्टाफ, कर्मचारियों को सैलरी विजय ने दोस्तों, रिश्तेदारों से 24% की सालाना ब्याज दर पर पैसा लोन लेकर दिया.

विजय के पैसे खत्म हो चुके थे और उन्हें अपने निजी जीवन में भी कई सुविधाओं का त्याग करना पड़ा. विजय कार छोड़कर बस-ऑटो से सफर करने लगे पर सपना देखना नहीं छोड़ा क्योंकि जीतने का राज़ हिम्मत न हारना ही है. पैसे की तंगी बढ़ी तो विजय बतौर कंसलटेंट एक जगह नौकरी करने लगे.

विजय शेखर शर्मा की नेट वर्थ (Vijay Shekhar Sharma net worth) 

अपने बिज़नस और आईडिया Paytm से विजय ने काफी पैसा कमाया है. विजय शेखर शर्मा की कुल संपत्ति 2.3 अरब डॉलर बताई जाती है.

विजय शेखर शर्मा को मिले पुरस्कार

ऑनोरिस कौसा डॉक्टर ऑफ साइंसेज (डीएससी) डिग्री, एमिटी यूनिवर्सिटी गुड़गांव, 2016

 इंडिया टुडे पत्रिका ने 2017 की सूची के भारत के 50 सबसे शक्तिशाली लोगों में # 18 वां स्थान दिया।

जीक्यू इंडिया ने उन्हें 2017 के लिए 50 सबसे प्रभावशाली युवा भारतीयों में शामिल किया

विजय को Paytm का आईडिया कैसे आया ?

विजय समय की नब्ज पकड़ने में माहिर थे। बाजार में स्मार्टफोन बहुत तेजी से पॉपुलर हो रहे थे और यही से उनके दिमाग में कैशलेस ट्रांजेक्शन का आईडिया आया। उन्होंने one 97 के बोर्ड के सामने पेमेंट इको सिस्टम में एंट्री करने का सिस्टम भी रखा लेकिन यह एक नॉन एग्जिटिंग मार्केट था और कंपनी एक अच्छा प्रॉफिट कमा रही थी। इसलिए कोई भी यह रिस्क उठाने के लिए तैयार नहीं था।

विजय चाहते तो अपने इस आईडिया अपनी अलग कंपनी खोल सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनका कहना था कि कोई और पार्टनर होता तो वह अपनी इक्विटी बेचकर अपनी खुद की कंपनी खड़ी कर सकता था लेकिन मेरी इच्छा 100 साल पुरानी कंपनी बनाने की है। मेरा मानना है कि मैन एंड वॉइस इसलिए अलग है क्योंकि वॉइस एक झटके में कंपनी बेच देते हैं और  मैन कंपनी चलाते हैं और एक विरासत का निर्माण करते हैं।

Paytm कंपनी की शुरुआत (how Paytm started?)

विजय ने अपनी पर्सनल इक्विटी का एक परसेंट अपने पर्सनल बिजनेस में लगाने के लिए रखा और 2001 में Paytm नाम की एक नई कंपनी की शुरुआत की। प्रारंभिक दौर में Paytm प्रीपेड रिचार्ज और डीटीएच रिचार्ज की सुविधा देने लगे। फिर विजय ने अपनी कंपनी को बढ़ाने का सोचा और बाकी चीजों पर ध्यान देना शुरू किया और फिर इलेक्ट्रिसिटी बिल और गैस का बिल देने की सुविधा की शुरुआत की। paytm ने धीरे-धीरे अन्य कंपनियों की तरह ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की सुविधाएं शुरू कर दी।

Paytm की सफलता के कारण (Reasons behind success of Paytm) 

इसके बाद paytm ने ऑनलाइन सामान भी बेचना शुरू कर दिया और फिर नोटबंदी ने पेटीएम को जमीन से आसमान पर पहुंचा दिया और paytm के लिए एक लॉटरी का काम किया। देखते ही देखते पेटीएम करोड़ों लोगों की जरूरत बन गया वर्तमान समय में पेटीएम भारत की  सभी राज्य में अपनी सेवा प्रदान कर रहा है। आज Paytm भारत की सबसे पोपुलर ऑनलाइन पेमेंट साइट है और इसका कुल कारोबार 15000 करोड़ के पार पहुंच चुका है।

विजय उन लोगों के लिए एक आदर्श है जो अपनी मेहनत के दम पर कुछ बनना चाहते हैं। यह उस इंसान की कहानी है, जिसने मिलियन डॉलर्स कंपनी का सपना तब देखा था जब उनकी जेब में ₹10 भी नहीं थे। उस चीज को करने में कोई मजा नहीं है जो दूसरे आपसे करने के लिए कहे, असली मजा तो उस बात में है जब लोग कहें कि यह तुम नहीं कर सकते हो।

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