रोमांटिक शायरी | Best Romantic Shayari

ऐ शख्स तेरा साथ मुझे हर शक्ल में मंज़ूर है, यादें हों कि खुशबू हो, यक़ीं हो कि ग़ुमान हो।

न जाने किस तरह का इश्क कर रहे हैं हम, जिसके हो नहीं सकते उसी के हो रहे हैं हम।

तुम मिल गए तो मुझ से नाराज है खुदा, कहता है कि तू अब कुछ माँगता नहीं है।

खुदा करे वो मोहब्बत जो तेरे नाम से है, हजार साल गुजरने पे भी जवान ही रहे।

ऐ शख्स तेरा साथ मुझे हर शक्ल में मंज़ूर है, यादें हों कि खुशबू हो, यक़ीं हो कि ग़ुमान हो।

मोहब्बत सब्र के अलावा कुछ नहीं, हमने हर इश्क़ को इंतज़ार करते देखा है।

मिला होगा वो किसी को बिन मांगे ही, हमे तो इबादत से भी इंतज़ार ही मिला है।

शाम से तेरा इज़हार किया करते है, हर ख्वाब मे तेरा दीदार किया करते है!

इंतजार हार गया है क्योंकि किसी की जिद, किसी के दर्द से बड़ी है। 

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